skip to main
|
skip to sidebar
हाईकु अनुभूति
वेब पर पूर्ण रूप से हिन्दी हाइकु को समर्पित पहला चिट्ठा (जहाँ एक हाइकु प्रतिदिन लिखा जाता है)
About Me
अरविन्द
Delhi, देहरादून, उत्तराखंड, India
एक दिशा, एक एहसास, नयी शुरुआत और एक कोशिश...यहीं से शुरू है यह छोटा सा प्रयास...अपनी अनुभूतियों के निर्झर स्रोत को एक निश्चल और अंतहीन बहाव देने का...
View my complete profile
Saturday, August 1, 2015
सीखा गया वो,
मिसाइल का संत ,
प्यार निस्वार्थ ।
Tuesday, June 21, 2011
कन्या जो हूँ ना...
रोक देते हो
साँसें मेरी तुम क्यों
कन्या जो हूँ ना ।
नारंगी धरा...
चित्र पटल
पलाश चित्रकार
नारंगी धरा ।
पलाश रंग...
वन की ज्योती
लाल लाल सी पाँत
पलाश रंग ।
टॆसू नहाई...
छटा ये आज
दीखती केसरिया
टॆसू नहाई ।
पलाश सुर्ख़...
हरित वृक्ष
लिये सर पे अग्नि
पलाश सुर्ख़ ।
सौम्य सुशील पलाश...
अग्नि लपट
सौम्य सुशील खड़ा
देखो पलाश ।
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
Followers
Blog Archive
▼
2015
(1)
▼
August
(1)
सीखा गया वो, मिसाइल का संत , प्यार निस्वार्थ ।
►
2011
(10)
►
June
(10)
►
2010
(36)
►
November
(9)
►
October
(1)
►
September
(4)
►
August
(8)
►
February
(9)
►
January
(5)
►
2009
(12)
►
December
(3)
►
November
(9)