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हाईकु अनुभूति
वेब पर पूर्ण रूप से हिन्दी हाइकु को समर्पित पहला चिट्ठा (जहाँ एक हाइकु प्रतिदिन लिखा जाता है)
About Me
अरविन्द
Delhi, देहरादून, उत्तराखंड, India
एक दिशा, एक एहसास, नयी शुरुआत और एक कोशिश...यहीं से शुरू है यह छोटा सा प्रयास...अपनी अनुभूतियों के निर्झर स्रोत को एक निश्चल और अंतहीन बहाव देने का...
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Tuesday, June 21, 2011
पलाश वन...
खिल गए हैं
कई सूरज आज
पलाश वन ।
खडा है पलाश...
रक्तिम मुख
लिये खडा पलाश
सूर्य रश्मि सा ।
पलाश खिले...
आभा नारंगी
छाई हरे वन पे
पलाश खिले ।
टेसू नारंगी...
शृंगार किये
आ ख़डा है बसंत
टेसू नारंगी |
Monday, November 15, 2010
व्यथा अपार लिये खडा कमल
व्यथा अपार
लिये खडा कमल
फिर भी खिले
सौम्य कमल
सिखा देता है
जीने के सच्चे सूत्र
सौम्य कमल
फूल कमल
फूल कमल
शोभा बन जाता है
देवी देवों की
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